Uttrakashi Tunnel rescue : इंसानी मेहनत और आस्था जीती. सिलक्यारा में बनेगा बाबा बौखनाग का भव्य मंदिर

देहरादून: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस दौर में सारी तकनीक धरी रह गई। आखिरकार इंसानी मेहनत और आस्था जीती।

दिवाली वाले रोज भूस्खलन के चलते मलबा गिर जाने से 41 मजदूर सुरंग में फंस गए थे। उन्हें बाहर निकालने में किए जा रहे तमाम प्रयास किए गए। देश-विदेश के विशेषज्ञों के नेतृत्व में आठ टीमें रेस्क्यू में जुटी थीं।

अत्याधुनिक तकनीक और संसाधनों के बलबूते रेस्क्यू किया जा रहा था। चार जगह से अलग-अलग तरीके से सुरंग में जाने की कोशिशें हो रही थीं। लेकिन बीते शुक्रवार से सारी कवायद धरी की धरी रह गई। सफलता मिलने के बजाय हालात बिगड़ते चले गए। आखिरकार मैनुअल ड्रिलिंग का फैसला किया गया।

फोटो:- आस्ट्रेलिया से आए अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स मंगलवार को मंदिर के समक्ष बैठे रहे

झांसी से श्रमवीरों (रैट माइनर्स) को बुलवाया गया। इन श्रमवीरों ने सोमवार को इस वक्त काम शुरू किया जबकि टनल साइट पर हर कोई मायूस सा दिख रहा था। 800 एमएम के पाईप में अंदर जाकर रैट माइनर्स ने दिन- रात ड्रिल कर बहुप्रतीक्षित ऑपरेशन को पूरा कर दिया।

सिलक्यारा सुरंग हादसा होने पर स्थानीय लोगों का कहना था कि सुरंग के ऊपर जंगल में बाबा बौखनाग देवता का मंदिर है। कंपनी ने जंगल से छेड़छाड़ कर सुरंग बनाना शुरू किया। तब कंपनी ने मंदिर बनाने का वायदा किया था। लेकिन कंपनी ने 2019 से अब तक मंदिर तो बनाया नहीं बल्कि ग्रामीणों द्वारा बनाया मंदिर भी तोड़ दिया। यह दुर्घटना भी उसी का प्रकोप है। हालांकि हादसे के बाद सुरंग के पास बौखनाग देवता का मंदिर अस्थाई रूप से बना दिया गया। बाबा बौखनाग सिलक्यारा समेत तीन पट्टियों के इष्ट देवता हैं।

फोटो:- मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मंदिर में टेका मत्था

मंदिर के पुजारी गणेश प्रसाद बिजलवाण का कहना है कि मजदूरों को बचाने के शुरुआती प्रयास विफल रहे। इसके बाद कंपनी के अधिकारियों ने फोन किया था। उन्होंने माफी मांगी और विशेष पूजा कराने की बात कही। फिर कंपनी ने पूजा कराई और मजदूरों को बचाने को चल रहे रेस्क्यू के सफल होने के लिए प्रार्थना की।

आस्ट्रेलिया से आए अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स मंगलवार को सुबह से ही बाबा बौखनाग के मंदिर के पास बैठे रहे। टनल साइट पर स्थापित किए गए इस अस्थाई मंदिर में रोजाना पूजापाठ किया जा रहा था।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने भी मंदिर में मत्था टेककर सुरंग में फंसे श्रमिकों के सकुशल वापसी को पूजा अर्चना की। रेस्क्यू सफल होने पर सीएम ने कहा कि बाबा बौखनाग की कृपा से ही यह सफलता मिली है। श्रमिकों के सुरंग से बाहर आते ही पूरा इलाका बाबा बौखनाग के जयकारों से गूंज उठा।

बाबा बौखनाग का भव्य मंदिर बनेगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बाबा बौखनाग और देवभूमि के देवी-देवताओं की कृपा से ऑपरेशन सफल हुआ है। बौखनाग देवता का सिलक्यारा में भव्य मंदिर बनाया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं।

सच हुई भविष्यवाणी

यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग पर 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने को लेकर चर्चा में आए क्षेत्र के आराध्य देव बाबा बौखनाग की भविष्यवाणी आज सही साबित हुई। बौख के पश्वा, माली संजय डिमरी ने वचन दिया था कि अगले तीन दिन में सुंरग में फंसे मजदूर सुरक्षित निकाल लिए जाएंगे। इस बीच न कोई अड़चन आएगी और आज ठीक तीसरे दिन मजदूरों को बाहर निकलने का रास्ता साफ हुआ।

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