बरेली। जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी तक के सफर में पार्टी के साथ रहने वाले वरिष्ठ नेता डॉक्टर दिनेश जौहरी का शुक्रवार को बरेली में निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे। डॉ जौहरी के पुत्र राहुल के अनुसार शनिवार को बरेली में ही उनका अंतिम संस्कार होगा।
डॉ दिनेश जौहरी मिलनसार व्यक्तित्व के धनी रहे। वह मुस्लिमों में भी काफी लोकप्रिय थे। नैनीताल रोड पर अलका होटल (कुतुबखाना) के पास उनके क्लीनिक पर मुस्लिम समाज के रोगियों की खासी भीड़ रहती थी। डॉ दिनेश जौहरी राजनीति में आने से पूर्व बरेली में आईएमए एवं जेसीज क्लब के पदाधिकारी भी रहे। एक अखबार से भी उनका एजेंसी संबंधी कुछ व्यापारिक जुड़ाव रहा।
डॉ जौहरी आपातकाल के दौरान राजनीति में सक्रिय हुए। वर्ष 1985 में भारतीय जनता पार्टी के शहर अध्यक्ष बनकर उन्होंने पार्टी को पहचान दिलाई। पार्टी के टिकट पर बरेली शहर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर उस समय के कांग्रेस के दिग्गज नेता राम सिंह खन्ना को पराजित कर भारतीय जनता पार्टी का परचम लहराया।
राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। समय के साथ भाजपा बरेली के पुरोधा की छवि बनी और बरेली शहर की राजनीति के सशक्त स्तंभ के रूप में उभरे। 1991 में कल्याण सिंह सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। तीन बार विधायक रहे। किसी कारण उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया।
इसके बाद वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। लेकिन, जल्द ही इसे अपनी भूल समझ कर समाजवादी पार्टी को छोड़ दिया और भाजपा में वापस आ गए। उनका भाजपा के चाणक्य वीरेंद्र वर्मा से गहरा लगाव रहा।
दिनेश जौहरी बरेली में कायस्थ समाज के संगठनों से जुड़े और उनके कार्यक्रमों में भी सक्रिय रहे। 2022 के विधानसभा चुनाव में उनके पुत्र राहुल जौहरी ने भी बरेली सीट से भाजपा का टिकट मांगा था पर बाद में उन्होंने अपने पुत्र की दावेदारी को वापस ले लिया था।