देहरादून : अगर कोई बड़ी बाधा न आई तो गुरुवार तक सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकाला जा सकता है। कई स्थानों से सुरंग में अंदर जाने के प्रयास हो रहे हैं। अब मजदूरों तक पहुंचने तक के बीच दूरी 20 मीटर रह गई है।
मंगलवार को पहली बार सभी श्रमिक सकुशल दिखाई दिए। छह इंच के पाइप से भेजे गए एंडोस्कोपिक कैमरे से मंगलवार को पहली बार श्रमिकों से लाइव संपर्क हुआ था। वॉकी-टॉकी से उनसे बात भी हुई। इसी पाईप से मजदूरों को दवाई, संतरे, केले, रोटी, सब्जी, पुलाव और नमक भेजा गया। सभी श्रमिक अब राहत एवं बचाव कार्य में जुटी टीम के संपर्क में हैं।
उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। दिवाली वाले रोज सिलक्यारा के पास निर्माणाधीन सुरंग में मलबा गिर जाने से 41श्रमिक उसमें फंस गए। तभी से उन्हें बाहर निकालने के प्रयास हो रहे हैं। रेस्क्यू को आज ग्यारह दिन हो गए हैं।
श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए देश-विदेश की आठ एजेंसियां और विशेषज्ञ जुटे हैं। सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए रात भर ड्रिलिंग का काम चला। ऑगर मशीन से 800 एमएम के छह पाइप डाले जा चुके हैं। 36 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है। सातवें पाइप की वेल्डिंग का काम चल रहा है। अब सुरंग में करीब 20 से 22 मीटर की दूरी रह गई है। मजदूर करीब 56 मीटर अंदर हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लि. ने अब सुरंग के भीतर से रेस्क्यू पर फोकस बढ़ा दिया है। एमडी महमूद अहमद ने बताया कि बुधवार को रेस्क्यू अभियान की पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी। उन्होंने बताया कि अब तक अंदर गए 900 मिमी के पाइप के भीतर से 800 मिमी का पाइप टेलीस्कोपिक तकनीक से भेजा जा रहा है।
अमेरिकन ऑगर मशीन से ड्रिल का काम शुरू कर दिया गया है। इसकी ड्रिल स्पीड 5 मीटर प्रति घंटा है, लेकिन अड़चनों की वजह से वह इस गति से काम नहीं कर पाए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि बृहस्पतिवार को मजदूर सुरंग से बाहर निकाल लिए जाएंगे।
सुरंग में अंदर जाने प्रयास कई तरफ से हो रहे हैं। निगम के निदेशक प्रशासन अंशु मनीष खल्खो ने बताया, सुरंग के बड़कोट की तरफ वाले सिरे से भी काम शुरू किया है। करीब आठ मीटर तक दो वर्ग मीटर की बचाव सुरंग खोदी जा चुकी है। हालांकि उस सिरे से श्रमिकों तक पहुंचने के लिए करीब 325 मीटर ड्रिल करना पड़ेगा।
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार इस मामले में अपडेट ले रहे हैं। पीएम ने कहा कि सभी को बचाना प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से श्रमिकों को बचाने के लिए चलाए ज रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली।
अब बदलेंगे सुरंग निर्माण के मानक
उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग हादसे के बाद अब सुरंग निर्माण के मानक बदलने वाले हैं। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने अंडरग्राउंड वर्क के नए नियम तैयार कर लिए हैं जो जल्द ही लागू होंगे। वहीं दूसरी ओर विशेषज्ञों ने यह माना है कि प्रदेश की सबसे लंबी 4.5 किमी की इस सुरंग में न एस्केप टनल और न ही दो किमी दूरी के बाद एडिट एप्रोच का प्रावधान रखा गया।
बीआईएस की नियमावली समिति के चेयरमैन और जियोलॉजिक सर्वे ऑफ इंडिया के पूर्व निदेशक डॉ.पीसी नवानी ने बताया कि अभी तक बीआईएस नियमावली में एस्केप टनल या एप्रोच एडिट जैसी व्यवस्थाएं नहीं हैं। अब जो नए नियम बना रहे हैं, उनमें एप्रोच एडिट या एस्केप टनल का कांसेप्ट शामिल करेंगे।