Kedarnath dham & Yamunotri dham kapat closed : केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद. बाबा केदार के दर्शन अब ओंकारेश्वर मंदिर में होंगे.अब खरसाली में विराजेंगी यमुनोत्री मां

देहरादून : विश्व प्रसिद्ध चारधाम में शामिल केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद हो गए। बाबा केदार के दर्शन अब ओंकारेश्वर मंदिर में हो सकेंगे। जबकि यमुनोत्री मां के दर्शन श्रद्धालु खरसाली में कर सकेंगे।

भैया दूज के पावन पर्व पर वैदिक मंत्रोच्चार एवं विधि-विधान के साथ बाबा केदार के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। श्रद्धालु छह माह तक बाबा केदार की ऊखीमठ में ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चन कर सकेंगे। बाबा केदार की भोग मूर्ति इसी मंदिर में शीतकाल में स्थापित की जाती है।

कपाट बंद होने के साथ ही भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से मंदिर परिसर से रवाना हुई। बाबा केदार की शीतकालीन पूजा गद्दी ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी। बाबा केदार के कपाट बंद होने के समय केदार घाटी हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठी। केदारनाथ क्षेत्र बर्फ की चादर ओढ़े है।धाम में आधा फीट तक बर्फ मौजूद है, लेकिन कपाट बंद के के समय मौसम साफ रहा।

भारतीय सेना के बैंड के भक्तिमय स्वर लहरियों के बीच केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई। भगवान आशुतोष के 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट आज सुबह 8 बजे छह माह के लिए श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार छह माह के लिए समाधि में लीन हो गए हैं। मंदिर में नित्य नियम पूजा-अर्चना तथा दर्शन हुए। तत्पश्चात कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत स्वयंभू शिवलिंग से श्रृंगार अलग कर केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में पुजारी शिवलिंग ने स्थानीय शुष्क पुष्पों, ब्रह्म कमल, कुमजा,राख से समाधि रूप दिया।

यमुनोत्री धाम के कपाट भी आज विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान मां यमुना के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा। जिसके बाद मां यमुना और शनिदेव की डोली अपने गद्दी स्थल खरसाली खुशी मैथ के लिए रवाना हुई।

यमुनोत्री धाम के कपाट आज सुबह 11.57 बजे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकाल के 6 महीने मां यमुना के दर्शन खरसाली खुशी मैथ में होंगे।वहीं श्रद्धालु छह माह मंदिर के बंद रहने के दौरान मां यमुना की पूजा अर्चना उनके शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली में कर सकेंगे।

मां यमुना और भाई शनिदेव सोमेश्वर देवता की डोली खरसाली गांव के लिए रवाना हो गई। इस पल के कई श्रद्धालु साक्षी बने। कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की उत्सव डोली खरसाली गांव पहुंचने पर वहां स्थानीय लोग मां यमुना का स्वागत बेटी की तरह करते हैं। जहां मां यमुना छह माह तक श्रद्धालुओं को दर्शन देंगी।

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