Badrinath Dham Kapat Closed : बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद. कपाट बंद होने के साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा का समापन

देहरादून : बदरीनाथ धाम के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद हो गए। आज 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। बदरीनाथ के कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का भी समापन हो गया।

मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी की प्रतिमा को भगवान बदरी-विशाल के धाम के गर्भगृह में प्रतिष्ठापित किया। जिसके बाद पुजारी उद्धव जी व कुबेर जी को मंदिर प्रांगण में लाए गए। दोपहर 3:33 बजे पर भगवान बदरीनाथ के कपाट बंद कर दिए गए।

भगवान बदरी-विशाल के कपाट बंद होने के बाद लोगों को मंदिर तक जाने की अनुमति नहीं दी जाती है।बदरीनाथ धाम में भगवान विष्णु नर और नारायण रूप में विराजमान हैं। धाम में भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर और उद्धव के विग्रह भी विराजित हैं।

बदरीनाथ के कपाट बंद करने समय पुजारी (रावल) को स्त्री की तरह श्रृंगार करना पड़ता है। वहीं उद्धव जी भगवान कृष्ण के बाल सखा होने के साथ-साथ उनसे उम्र में बड़े भी हैं, जिससे रिश्ते में उद्धव जी माता लक्ष्मी के जेठ हुए।

इस वर्ष 19 लाख से ज्यादा भक्तों ने किए भगवान बदरीनाथ के दर्शन, अब ओंकारेश्वर में देंगे दर्शन हिंदू धर्म में बहू जेठ के सामने नहीं आती है, जिस कारण मंदिर से उद्धव जी के बाहर आने के बाद ही माता लक्ष्मी मंदिर में विराजित होती हैं। माता लक्ष्मी की विग्रह डोली को पर पुरुष न छुए, इसलिए मंदिर के पुजारी को स्त्री वेश धारण कर माता के विग्रह को उठाते हैं। यह परंपरा अतीत से चली आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *