देहरादून : गुरुवार को ड्रिलिंग में व्यवधान होने से काम रुक गया था। बेंगलुरु की स्क्वाड्रोन इंफ्रा के विशेषज्ञों की टीम ने स्पष्ट किया। एडवांस ड्रोन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से सुरंग के अंदर के हालात की जानकारी दी। इससे अभियान को अंजाम तक पहुंचाने में मदद मिल सकेगी।
सिलक्यारा सुरंग में ऑगर मशीन में तकनीकी खराबी के कारण गुरुवार को ज्यादा काम नहीं हो सका। देर रात तक तकनीकी दिक्कत को दूर करने का प्रयास किया गया। सीएम धामी गुरुवार रात भर सिलक्यारा टनल रेस्क्यू साइट पर ही रुके रहे। उम्मीद है कि आज 13वें दिन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
गुरुवार को रेस्क्यू कार्य में कई बाधाएं आई। पहले ड्रिलिंग मशीन का प्लेटफॉर्म ढहा। फिर ऑगर मशीन में तकनीकी दिक्कत आ गई। इस कारण गुरुवार को सिर्फ 1.8 मीटर अंदर ही पाइप पुश किया जा सका। ऑपरेशन में आ रहीं रुकावटों को दूर करने के लिए बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन, बीआरओ ने बेंगलुरु से दो एडवांस ड्रोन मंगाए।
इसके बाद बेंगलुरु की स्क्वाड्रोन इंफ्रा के छह टनलिंग-माइनिंग विशेषज्ञ इंजीनियर की टीम ने सुरंग में पहुंचकर आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस से भीतर के हालात बताए, जिससे अभियान को अंजाम तक पहुंचाया जा सके।
कंपनी के अधिकारी प्रभात ने बताया कि उनकी टीम ने सुरंग के भीतर राडार सेंसर, जियोफिजिकल सेंसर लगे ड्रोन की मदद से मलबे के भीतर की अड़चनों की जानकारी बचाव दलों को दी है। बताया, ये ऐसे ड्रोन हैं जो कहीं भी मलबे के भीतर की पूरी स्कैनिंग कर सकते हैं।
उधर, सुरंग में अमेरिकन ऑगर मशीन की वाइब्रेशन खतरा बन रही थी। इसके लिए रुड़की से आई विशेषज्ञों की टीम ने हर घंटे बचाव दलों को सुरंग के भीतर की वाइब्रेशन रिपोर्ट उपलब्ध कराई।