Dehradun crime : चोरी के वाहनों की आरसी बनाने वाला आरटीओ का दलाल गिरफ्तार. कई फर्जी आरसी व दस्तावेज बरामद

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वाहन की आरसी वाहन के मूल मालिक से किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर हस्तान्तरित कराता था. इसी तरह दिल्ली से चोरी की गई बुलेट मोटरसाइकिल का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरटीओ कार्यालय में किसी अन्य के नाम से जारी कराई थी आरसी

देहरादून : दून पुलिस ने चोरी के वाहनों की आरसी बनाने वाले आरटीओ के दलाल को गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से कई फर्जी आरसी व अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।

एक मुकदमे की जांच के दौरान आरटीओ के दलाल के कारनामे सामने आए । इस संबंध में सालावाला निवासी सार्थक शर्मा 25 अगस्त को डालनवाला थाने में रिपोर्ट लिखवाई थी। रिपोर्ट के मुताबिक सार्थक शर्मा ने ऑनलाइन परिवहन एप्प पर अपने वाहन( UK07BT1769 ) के विवरण को जांचा तो पता चला कि उनका वाहन किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत हो रखा है। एक अन्य मोबाइल से भी परिवहन एप्प पर उक्त वाहन का विवरण जांचा गया तो उसमें भी उनके नाम की जगह किसी अन्य व्यक्ति मजीद का नाम दर्शाया गया था।

बाद में इस संबंध में आरटीओ देहरादून से संपर्क कर सार्थक ने अपने वाहन से सम्बन्धित फाईल देखी। फ़ाइल में किसी व्यक्ति द्वारा व आरटीओ कार्यालय की मिलीभगत से उसके नाम से किसी अन्य व्यक्ति के फर्जी दस्तावेज व हस्ताक्षर फाईल में लगाए गए थे। इस सबके बाद सार्थक ने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई।

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि यह करतूत आरटीओ दलाल पतेलनगर थाना क्षेत्र ओम सिटी निवासी अजय सैनी पुत्र कर्म सिंह सैनी की है। जिसे t पुलिस ने तत्काल गिरफ्तार कर लिया।

अभियुक्त की तलाशी लेने पर उसके कब्जे से मुकदमा उपरोक्त से सम्बन्धित सार्थक की मोटर साइकिल बुलेट के रजिस्ट्रेशन नम्बर (UK07-BT-1769 ) की दो आरसी, जिसमें से एक फर्जी सार्थक शर्मा के नाम पर तथा एक ऑरिजनल आरसी, जो माजिद के नाम पर थी , बरामद हुई। इसके अतिरिक्त तीन अन्य आरसी अलग-अलग लोगों की व एक आधार कार्ड बरामद हुआ।

अभियुक्त ने बताया कि उसने सार्थक शर्मा की फर्जी आरसी तैयार कर उसके आधार कार्ड को इस्तेमाल कर उसके नाम से एक फर्जी शपथ पत्र, सेल लेटर व एफआईआर गुमशुदगी बनवाई। अभियुक्त द्वारा फर्जी शपथ पत्र, सेल लेटर व फर्जी ऑनलाइन गुमशुदगी रिपोर्ट, क्रेता व विक्रेता के फर्जी हस्ताक्षर करके पत्रावली तैयार कर आरटीओ ऑफिस देहरादून में जमा कराई गई थी।

जिसके आधार पर सार्थक की मोटर साइकिल की आरसी को बिना उनकी सहमति/आवेदन के माजिद नाम के क्रेता के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया। अभियुक्त ने बताया कि इससे पूर्व भी कई गाडियों की आसी व डीएल बना चुका है। उक्त प्रकरण में अन्य लोगों की संलिप्तता भी प्रकाश में आ रही है, जिनके विरुद्ध साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं।

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