प्रदेश सरकार सरकारी संस्थानों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही. इन्वेस्टर समिट के नाम पर जनता को किया जा रहा गुमराह : करन माहरा

प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रेस वार्ता कर प्रदेश सरकार पर ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को काम देने का आरोप गया. नर्सिंग स्टाफ में अन्य राज्यों के युवाओं को किया जा रहा भर्ती. राज्य में कानून व्यवस्था हुई बेलगाम. नए उद्योग लग नहीं रहे, सिडकुल से चली गई कई कंपनियां

देहरादून : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश सरकार पर सरकारी संस्थानों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। सरकार अन्य राज्यों में ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को यहां काम दे रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एम्स ऋषिकेश में गुजरात के जिस गांधीनगर बेस राजदीप इंटरप्राइजेज को मानव संसाधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का जीता जागता उदाहरण है। यह कंपनी तीन राज्यों क्रमशः गुजरात, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में ब्लैक लिस्टेड है।

माहरा ने आरोप लगाया एम्स में आते ही कंपनी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। 1200 नर्सिंग स्टाफ में से 600 पदों पर केवल राजस्थान के लोगों को भर दिया गया। इसमें एक ही परिवार के छह लोगों को रोजगार दिया गया है। यह न केवल भ्रष्टाचार की बानगी है अपितु उत्तराखंड के प्रशिक्षित बेरोजगार नौजवानों के साथ भी छल है।

माहरा का आरोप है कि भाजपा शासन में एम्स पूरी तरह से भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। इससे पूर्व भी एम्स में वेसल सीलिंग उपकरणों की खरीद में भारी वित्तीय अनियमितता के चलते अपराध निरोधक शाखा में मुकदमा हुआ था। लेकिन,उस जांच का क्या हुआ किसी को पता नहीं है।

वर्ष 2018 में एम्स में कंकाल और हड्डियों की खरीद तथा मेडिकल उपकरणों की खरीद में भी भारी धांधली की गई। यह जांच भी ठंडे बस्ते में चली गई। राज्य के लोगों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ किया जा रहा है।

प्रदेश सरकार द्वारा इन्वेस्टर समिट का आयोजन किए जाने की बात पर तंज कसते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इन्वेस्टर समिट के नाम पर जनता व बेरोजगार नौजवानों को गुमराह किया जा रहा है।

उन्होंने सवाल किया कि राज्य सरकार को यह बताना चाहिए कि 2018 की इन्वेस्टर समिट में हुए 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपए के एमओयू में से कितनों पर धरातल में काम हुआ। कितने नए औद्योगिक संस्थान खुले तथा उनमें कितने बेरोजगारों को रोजगार मिला?