Day -7: Uttarkashi Tunnel Collapsed Rescue updates: मशीन में खराबी आने से ड्रिलिंग रुकी. चट्टानी बोल्डर बन रहे बाधा.सुरंग में फंसी हैं 40 जिंदगियां

देहरादून : उत्तरकाशी में हुए सुरंग हादसे में फंसी 40 जिंदगियों को बचाने में अभी भी सफलता नहीं मिल पाई है। चट्टानी बोल्डर बचाव कार्य में बाधा बन रहे हैं। बोल्डर से टकरा कर मशीन के बेयरिंग खराब होने से ड्रिलिंग कार्य रुक गया है।

उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा सुरंग में बीते रविवार को मलबा गिर जाने से 40 मजदूर फंसे हैं। उन्हें बचाने को कवायद जारी लेकिन सफलता नहीं मिल सकी है। मलबे में पड़े चट्टानी बोल्डर बचाव कार्य में बाधा बने हैं। शुक्रवार को मशीन के बेयरिंग खराब होने से बचाव कार्य रोकना पड़ा। 24 मीटर तक ड्रिल के बाद काम रोक दिया गया।

फोटो: सुरंग में बचाव कार्य

राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) ने बताया कि ड्रिलिंग का काम कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन की बेयरिंग में खराबी आ गई है। जिसके चलते काम रुक गया है। मशीन चलने से हो रहे कंपन के कारण सतह का संतुलन बिगड़ रहा है। जिससे मलबा गिरने का खतरा है। इसलिए काम रोकने का निर्णय लिया गया है।

बीते दिवस जब चौथा पाइप डाला जा रहा था तो किसी कठोर वस्तु के चलते ड्रिलिंग का काम बाधित हुआ। जिस पर मजदूरों ने पाइप के अंदर घुसकर जांच की तो यह बोल्डर निकला। जिसे हटाया गया। फिर दोबारा ड्रिलिंग शुरू हुई, लेकिन दोपहर बाद दोबारा चट्टानी बोल्डर आगे आ गया। जिसके बाद से ड्रिलिंग का काम रुका हुआ

फोटो:- सुरंग में बचाव कार्य

बृहस्पतिवार सुबह अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू की गई थी। एक पाइप को डालने में औसतन चार से छह घंटे का समय लग रहा है। जिसमें सबसे ज्यादा सावधानी दो पाइपों को आपस में जोड़ने के लिए वेल्डिंग करते समय बरतनी पड़ रही है। इस काम में ही डेढ़ से दो घंटे का समय लग रहा है

सुरंग के अंदर 1750 हार्स पॉवर की ऑगर मशीन के चलने से कंपन हो रहा है। जिससे सतह का संतुलन बिगड़ रहा है। इसके चलते मलबा गिरने का खतरा है। चौथे पाइप का दो मीटर हिस्सा वेल्डिंग के लिए बाहर छोड़ा गया है। पांचवें पाइप को वेल्डिंग कर जोड़ दिया गया है। कुछ समय बाद इसको डालने के लिए ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा।

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