देहरादून : रैट माइनर्स ने ड्रिलिंग पूरी कर रेस्क्यू टीम और श्रमिकों के बीच दूरी खत्म कर दी है। अब श्रमिकों को बाहर लाने को आखिरी पाईप डाला जा रहा है। एंबुलेंस भी सुरंग के पास पहुंच गई है।
मंगलवार को मैनुअल ड्रिलिंग में जुटे रैट माइनर्स को आखिरकार सफलता मिल गई। ड्रिलिंग पूरी होते ही सुरंग के बाहर हलचल बढ़ गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह मौके पर हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी टनल साइट पर हैं।
टनल साइट से टनल के अंदर तक श्रमिकों के स्वागत में चूना डाला जा रहा है। आसपास रेता और बजरी आदि डालकर सड़क को ठीक किया जा रहा है। जिससे श्रमिकों के वाहनों को ले जाने में कोई असुविधा न हो।
पहले से खड़ी एंबुलेंस को टनल साइट पर बुला लिया गया है। सभी श्रमिकों रेस्क्यू कर चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा। वहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41बेड और चिकित्सकों की टीम को तैनात किया जाएगा। रास्ते में कोई दिक्कत न हो इसलिए टनल साइट से चिन्यालीसौड़ तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। सभी सुरक्षा कर्मियों को अलर्ट कर दिया गया है।
सिलक्यारा टनल में ऑगर मशीन के क्षतिग्रस्त टुकड़ों को सोमवार तड़के निकाल लिया गया था। इसके बाद से रैट माइनर्स मैनुअल ड्रिलिंग कर रही है। सेना की 30 सदस्यीय टीम रैट माइनर्स की मदद कर रही है। उधर, पहाड़ के ऊपर से भी खोदाई का काम सफलता के साथ चल रहा है। वर्टिकल ड्रिलिंग 40 मीटर हो चुकी है। शेष 46 मीटर ड्रिलिंग और होनी है। सुरंग बचाओ माइक्रो टनलिंग एक्सपर्ट क्रिस कपूर का कहना है कि बीती रात रेस्क्यू का काम अच्छा हुआ है। वर्टिकल और मैनुअल ड्रिलिंग के नतीजे सकारात्मक रहे हैं।
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव प्रमोद कुमार मिश्र ने मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया। उनके साथ केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू भी थे। प्रधान सचिव ने सुरंग में फंसे मजदूरों और वहां मौजूद परिजनों से बातचीत की। खाने-पीने के सामान की जानकारी ली। सुरंग में फंसे मजदूरों की तरफ से गब्बर सिंह नेगी ने मिश्र से बात की।