देहरादून : सिलक्यारा में ड्रिलिंग कार्य फिर शुरू कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहत एवं बचाव कार्य पर रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री धामी को फोन कर इस संबंध में जानकारी ली।
उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग सिलक्यारा के पास मलबा गिर गया था। दिवाली वाले रोज हुई इस घटना में 41 श्रमिक फंस गए। नौ दिनों के रेस्क्यू के बाद भी श्रमिकों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। बैकअप प्लान के तहत अब सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए अस्थायी सड़क बनाई जा रही है। जिसका काम अंतिम चरण में है।
इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहत एवं बचाव कार्य पर रिपोर्ट तलब की है। मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर ली जानकारी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया है और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रखे हैं। मेडिकल टीम भी वहां तैनात कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है। अब तक प्रधानमंत्री तीन बार मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ले चुके हैं। पीएमओ की टीम भी मौके का निरीक्षण कर चुकी है।
उधर, सुरंग के अंदर ड्रिलिंग मशीन को भी भूस्खलन से बचाने के लिए कंक्रीट ब्लाॅक से ढका जा रहा है। सूत्रों से के अनुसार इन कंक्रीट ब्लाॅक को बीआरओ ने विशेष रूप से भेजा है।रविवार रात 10 बजे ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम फिर शुरू हो गया। भूस्खलन का खतरा कम करने के लिए शॉटक्रिट मशीन से स्प्रे किया गया है। बैकअप प्लान के तहत सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए अस्थायी सड़क बनाने का काम भी अंतिम चरण में है।
राहत एवं बचाव अभियान प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि ड्रिलिंग कार्य रविवार को रात में फिर शुरू हो गया। वहीं, अंदर फंसे मजदूरों को खाने व ऑक्सीजन की सप्लाई के पाइपों को कंक्रीट ह्यूम पाइप से कवर कर दिया गया है। अब भूस्खलन होता भी है, तो इससे खाने के सामान और ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित नहीं होगी।
सुरंग के दाएं और बाएं ओर से भी क्षैतिज ड्रिलिंग के लिए भूभौतिकी व भू-वैज्ञानिकों का सर्वे पूरा हो गया है। सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए बन रही 1200 मीटर लंबी सड़क का 900 मीटर हिस्सा बन चुका है। इस काम का जिम्मा लोनिवि, बीआरओ को सौंपा गया है।