देहरादून : उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे श्रमिकों को निकालने को रेस्क्यू जारी है। सुरंग में जमा मलबे को हटाने के लिए एयर फोर्स के विमानों से अत्याधुनिक मशीन की पहली खेप सिलक्यारा पहुंच गई है। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मशीन को टनल तक लाया गया है
मशीन की दूसरी खेप भी चिन्यालीसौड़ पहुंच गई है। दिल्ली से एयरफोर्स के तीन हरक्यूलिस विमानों से एयर लिफ्ट कर मशीन को लाया जा रहा है। जल्द ही तीसरी खेप भी चिन्यालीसौड़ पहुंचने की संभावना है।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में बीते रविवार तड़के हुए हादसे में तकरीबन 40 मजदूर फंसे गए। मजदूरों को बचाने रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल सकी है। हालांकि, तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि आज बुधवार को मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
सुरंग में जमा मलबा हटाने को एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी अत्याधुनिक मशीन लेकर आ रहे हैं। यह मशीन मलबे को भेद कर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मददगार साबित होगी।
इस मशीन के जरिए प्रति घंटे 5 मीटर मलबा पार किया जा सकेगा। आज शाम से इस मशीन के जरिए काम शुरू होने की उम्मीद है।
सुरंग में फंसे श्रमिकों के परिजनों और अन्य श्रमिकों का सिलक्यारा में घटना स्थल के पास जमावड़ा लगा हुआ है। श्रमिकों का आरोप है कि रेस्क्यू धीमी गति से चल रहा है। इसको लेकर उन्होंने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कारी श्रमिकों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। कंपनी से जुड़े कई अधिकारी प्रदर्शन कर रहे श्रमिकों को समझाने पहुंचे पर श्रमिक अड़े रहे। मजदूरों का कहना है कि बैकअप में दूसरी मशीन तैयार रखनी चाहिए थी।
उधर, दिल्ली से एयर लिफ्ट की गई मशीन चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर उतारी गई। अब ग्रीन कॉरिडोर बनाकर साइट तक मशीनें पहुंचाई जाएगी। राहत एवं बचाब कार्य की कमान संभाल रहे कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि ड्रिलिंग के लिए अमेरिका में निर्मित नई ऑगर मशीन मंगवाई गई है। जो ज्यादा तेजी से काम करेगी। अब राहत एवं बचाव कार्य में मिलिट्री ऑपरेशन की टीम भी सक्रिय हो गई है
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने कहा, जिला प्रशासन की ओर सुरंग में फंसे हुए प्रत्येक व्यक्ति की उसके घर वालों से फोन पर बात कर वस्तुस्थिति की जानकारी दी गई है। इसके अलावा उन्हें आश्वस्त किया गया कि सकुशल निकाल लिया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय भी लगातार संपर्क में है। जो भी प्रगति और कार्रवाई है, उससे केंद्र को भी अवगत कराया जा रहा है। गृह मंत्रालय के अधिकारी बराबर पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं।