देहरादून: फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में एसआईटी को एक अभियुक्त को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। अभियुक्त ने साथियों के साथ मिलकर एक प्लॉट और माजरा में रक्षा मंत्रालय की 55बीघा जमीन बेच डाली थी।
सहायक महानिरीक्षक निबन्धन संदीप श्रीवास्तव ने क्लेमनटाउन में लगभग 2500 गज भूमि तथा माजरा में लगभग 55 बीघा जमीन के फर्जी विलेख पत्र के सम्बन्ध में नगर कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज कराए थे।
इस मामले में एसआईटी ने आज मौहम्मद हुमायू परवेज पुत्र जलीलू रहमान निवासी 24 मौहल्ला काजी सराय 2, नगीना (बिजनौर) को गिरफ्तार कर लिया।
एसआईटी के मुताबिक हुमायू परवेज ने अपने साथी समीर कामयाब व अन्य लोगों की मदद से फर्जी विलेख तैयार करवाए। फिर देव कुमार निवासी सहारनपुर की मदद से रिकार्ड रुम रजिस्ट्रार कार्यालय में वर्ष 2016-17 में जिल्द में लगवा दिया था।
इसमें टर्नर रोड से सुभाष नगर चौक के मध्य क्लेमनटाउन स्थित 2500 गज का प्लॉट का अल्लादिया से 1944 में जलीलू रहमान (हुमायू परवेज का पिता)व अब्दुल करीम के नाम फर्जी बैनामा बनाकर मालिक दर्शा दिया। तथा 2019 से 2020 के बीच हुमायू परवेज द्वारा वसीयत के आधार पर 11 व्यक्तियों को उक्त जमीन की रजिस्ट्रियां कर दी गई। जिसके एवज में उसने लगभग तीन करोड रुपए जे0 एण्ड के0 बैंक सहारनपुर के खाते में प्राप्त किए।
उधर, ग्राम माजरा की 55 बीघा जमीन के असली मालिक लाला सरनीमल व मनीराम से फर्जी बैनामा 1958 का बनाकर जलीलू रहमान व अर्जुन प्रसाद को मालिक दर्शाया गया। इसके बाद सीमांकन हेतु प्रार्थना पत्र एसडीएम कार्यालय व उच्च न्यायालय उत्तरखण्ड को प्रेषित किया गया। जिसमें आदेश भी हो गए । परन्तु ग्राम माजरा स्थित उक्त 55 बीघा जमीन वर्ष 1958 में तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा रक्षा मंत्रालय के नाम कर दी गई थी, जो आज भी रक्षा मंत्रालय के कब्जे में है। चूंकि मामला रक्षा मंत्रालय से जुड़ा था, इसलिए सीमांकन की कार्यवाही को खारिज कर दिया गया।