Dehradun White Collar Crime : थाईलैंड में निवेश कराने की आड़ में करोड़ों रुपए हड़पने वाले गैंग के दो सदस्य गिरफ्तार. दून पुलिस ने दोनों को हरियाणा से दबोचा

गैंग के सदस्य लोगों को थाईलैंड में अपना कारोबार दिखाकर उनसे थाईलैंड में प्रॉपर्टी, रेस्टोरेंट आदि में निवेश के नाम पर मोटी रकम हड़प लेते थे. गैंग कई लोगों से जालसाजी से करोड़ों रुपए हड़प चुका है. गैंग के सदस्यों के विरुद्ध कई राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं. गिरोह के सरगना ने बना रखे थे अलग-अलग नामों से पासपोर्ट व आईडी. सरगना की पत्नी थाईलैंड की नागरिक. ज्यादातर सदस्य रहते हैं थाईलैंड में

देहरादून : दून पुलिस ने थाईलैंड में व्यवसाय के नाम पर निवेश कराने के नाम पर लोगों से मोटी रकम ऐंठने वाले गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनकी गिरफ्तारी हरियाणा के अंबाला से की गई है।

गैंग ने अंबाला में लोगों को विदेश भेजने के नाम पर भी बड़े पैमाने पर ठगी की है। एक सदस्य अंबाला जेल में बंद है। पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह का कहना है कि White Caller Criminals को कतई नहीं बख्शा जाएगा। जल्द ही अन्य सदस्य भी गिरफ्त में होंगे।

पुलिस के अनुसार जीके 3, नई दिल्ली निवासी रमेश मनोचा पुत्र सत्यपाल मनोचा ने डालनवाला थाने में 24 अगस्त प्रार्थना पत्र दिया था। जिसके आधार पर पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी कर रुपए ऐंठने और 12 पासपोर्ट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।

रिपोर्ट के मुताबिक रमेश मनोचा के परिचित इन्द्रजीत सिंह कोहली ने उसकी पहचान अनिल उपाध्याय व विजय उपाध्याय पुत्रगण ओम प्रकाश उपाध्याय निवासी- आर्यनगर, थाना डालनवाला से कराई।

उपाध्याय बंधुओं ने बताया कि वे बड़े बिजनेसमेन हैं तथा अपने सहयोगी राजीव, उसकी पत्नी सोनिया, भांजे अक्षय रतूड़ी के साथ मैसर्स बीआर इण्टरनेशनल थाई कम्पनी लिमिटेड नाम की फर्म के माध्यम से होटल, टूरिस्ट ट्रैवल्स, प्रॉपर्टी डीलिंग जिसमें बहुमंजिली इमारतें बनाने व थाईलैंड में टूरिस्ट स्थानों पर रेस्टोरेंट का व्यवसाय करते हैं।

विजय उपाध्याय ने अपनी पत्नी के थाई नागरिक होने की बात बताते हुए उसके साथ खुद के बैंकॉक में रहने की बात कही। साथ ही अपनी कंपनी से सम्बन्धित दस्तावेज भी वादी को दिखाए। इसके बाद इन लोगों ने विश्वास जमाने की नियत से वादी और उनके रिश्तेदारों के घर आना-जाना शुरू कर दिया तथा वादी और उनके परिजनों को अपने थाईलैंड स्थित घर पर बुलाया।

सोची-समझी रणनीति के तहत वादी और उसके परिजनों को विश्वास में लेकर उनसे होटल व्यवसाय व अन्य टूरिस्ट एक्टिविटीज में इन्वेस्टमेंट के नाम पर करीब तीन करोड़ पैंतीस लाख रुपए ऐंठ लिए।

दून पुलिस ने अभियुक्तों की तलाश में कई राज्यों में दबिश दी। इस बीच पुलिस को सूचना मिली कि अभियुक्तों ने हरियाणा के अंबाला में लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ग्लोबल वीजा के नाम से एक कार्यालय खोल रखा था। जहां वह स्थानीय लोगों से विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ चुके हैं। जिस पर लोगों द्वारा उनके विरुद्ध थाना नारायणगढ़ में धोखाधड़ी से संबंधित पांच मुकदमे दर्ज कराए गए हैं।

इस मुकदमे में पुलिस ने अभियुक्त विजय उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया गया, जो अंबाला सेन्ट्रल जेल में बंद है। इसके बाद डालनवाला पुलिस ने विजय उपाध्याय को देहरादून लाने को न्यायालय से वारंट बी प्राप्त कर पांच अक्तूबर को अंबाला जेल में दाखिल करा दिया।

नारायणगढ़ थाना पुलिस ने दून पुलिस को बताया कि अभियुक्त विजय उपाध्याय यहां पर अभियुक्त राजीव और उसकी पत्नी सोनिया के साथ अपना नाम बदल कर विज्जू डंगवाल पुत्र अनिल प्रकाश डंगवाल के नाम से रह रहा था । इसी नाम से उसके द्वारा पहचान पत्र सम्बन्धी अन्य कागजात भी तैयार किए गए थे। इसके पश्चात डालनवाला थाने के वरिष्ठ उप निरीक्षक प्रदीप नेगी के नेतृत्व में टीम ने अभियुक्त राजीव कुमार को उसके गाँव नहोनी थाना मुलाना, जिला अम्बाला, हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ के बाद मिली जानकारी के आधार पर राजीव की पत्नी सोनिया को उसके मायके बीसी बाजार बाल्मिकी बस्ती, अम्बाला कैन्ट से गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में दोनों ने विजय उपाध्याय उर्फ विज्जू डंगवाल, अनिल उपाध्याय और अक्षय रतूड़ी के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से रमेश मनोचा व उसके परिवार को झांसे में लेकर थाईलैंड में व्यवसाय स्थापित करने का लालच देने के सम्बन्ध में कुल 3 करोड़ 35 लाख रुपए लेने की बात स्वीकार की गई।