देहरादून : यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा के पास हुए सुरंग हादसे पर रेस्क्यू का काम लगातार चल रहा है। निर्माणाधीन सुरंग में तकरीबन 40 मजदूर फंसे हैं। अब मजदूरों को निकालने के लिए सुरंग में 900 मिमी व्यास का पाइप डाला जाएगा। इधर,पीएम मोदी मामले में लगातार अपडेट ले रहे हैं।
उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डांडलगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में बीते रविवार तड़के मलबा गिर जाने से सुरंग बंद हो गई है। जिसमें करीब 40 श्रमिक फंस गए। निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन के बाद फंसे मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान तेजी से चल रहा है। अब ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई है, यह मशीन मलबे में 900 मिमी स्टील पाइप लगाएगी।
इन 900 मीटर के पाइप के जरिए सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा। ऑगर ड्रिलिंग मशीन की स्थापना का काम तेजी से चल रहा है। निर्माणाधीन सुरंग में ऊपर से लगातार मिट्टी गिरने से बचाव अभियान में दिक्कतें आ रही है। ऐसे में अब पाइप डाला जाएगा, ताकि मलबे को रोका जा सके। मशीन खुदाई करके पाइप डालेगी। माना जा रहा है कि इस अभियान में 24 घंटे का समय लग सकता है।
सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा ने बीते दिवस निर्माणाधीन सुरंग का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि फंसे हुए मजदूरों को मंगलवार रात या बुधवार तक बचाया जा सकता है। बचाव दल लगातार मलबा हटा रहा है। अब मलबे के ढेर में सुरंग तैयार करके पाइप डाला जाएगा। इसके जरिए मजदूरों को निकाला जाएगा। सिन्हा ने बताया कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं जिन्हें पाइपलाइन के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।
जिस स्थान पर मजदूर फंसे हैं वहां करीब पांच से छह दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन है। इसके अलावा पाइपलाइन से भी ऑक्सीजन भेजी जा रही है। बचाव कर्मियों ने कहा कि फंसे हुए मजूदरों के पास तक पहुंचने के लिए टीमों को अभी भी लगभग 35 मीटर से अधिक मलबा साफ करना होगा।
इधर, पीएम नरेंद्र मोदी खुद इस मामले में नजर रखे हुए हैं। वह लगातार अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रधानमंत्री को बचाव कार्य की प्रगति से अपडेट कराया जा रहा है। वहीं, केंद्र की ओर से 12 सदस्यीय विशेषज्ञों का दल आज उत्तरकाशी पहुंचेगा। दल में सीपीडब्ल्यूडी, एनएच समेत कई विभागों के एक्सपर्ट मौजूद हैं।