नैनीताल : जिले के खनस्यु थाना क्षेत्र में हुए गीता हत्याकांड की गुत्थी पुलिस व एसओजी के संयुक्त प्रयासों से सुलझ गई है। गीता की हत्या उसके नाबालिग भाई ने की थी। बहन का अपनी उम्र से दोगुने उम्र के युवक से प्रेम संबंध के बारे में पता लगने पर भाई ने उसे मार दिया। बाद में कथित प्रेमी की मदद से शव को झाड़ियों में छुपा दिया।
पुलिस के अनुसार ग्राम कोटली निवासी शेर सिंह की पुत्री गीता (17) बीती 17 सितंबर को घर से पास के ही जंगल में मिट्टी लेने गई थी। लेकिन फिर वापस नहीं लौटी। काफी खोजबीन के बाद भी कहीं पता नहीं लगा तो शेर सिंह ने सूचना पुलिस को दी।
खनस्यु थाने में अज्ञात के खिलाफ किशोरी को अगवा करने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इसकी जांच उप निरीक्षक विजयपाल द्वारा की जा रही थी। इधर 26 सितंबर को ग्रामवासियों तलाश के दौरान गीता का शव ग्राम कोटली में बांज के पेड़ों के नीचे मिला।
गीता का शव मिलने की सूचना मिलते ही एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने पुलिस, एसओजी और फोरेंसिक टीम के साथ घटना स्थल का निरीक्षण किया। एसएसपी ने एसपी क्राइम/यातायात डॉ. जगदीश चंद्र के निर्देशन व क्षेत्राधिकारी भावली नितिन लोहनी के नेतृत्व में तीन अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की। लापता गीता का शव मिलने के बाद मुकदमा हत्या के अपराध में बदल दिया गया। जांच खनस्यु थानाध्यक्ष भुवन सिंह राणा को सौंप दी गई।
एसएसपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर घटना का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि गीता का उसी गांव के रहने वाले 35 वर्षीय युवक त्रिलोक सिंह, पुत्र चंदन सिंह से प्रेम सम्बन्ध थे। त्रिलोक की पत्नी ने मृतका गीता व अपने पति त्रिलोक को एक साथ में बैठे हुए देख भी लिया था। इसको लेकर त्रिलोक की पत्नी, मृतका गीता व गीता की माँ के मध्य बहस भी हुई। ये सब देख गीता का छोटा भाई काफी गुस्से में आ गया। और गीता को ढूंढने के लिए जंगल निकल गया। रास्ते में पहाड़ों की पगडंडी पर बहन गीता के मिलने पर उसके भाई ने गीता के दुपट्टे से ही गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। बाद में शव को वहीं झाड़ियों में छुपा दिया।
पुलिस के मुताबिक गीता का भाई अगले दिन त्रिलोक सिंह उपरोक्त के पास गया। वहां उसने त्रिलोक सिंह पर दबाव बनाया कि यदि मृतका गीता का शव घटनास्थल से कही और छुपाने में साथ नही दिया तो वह उसे ( त्रिलोक) को भी इस हत्याकांड में फंसा देगा।
इसके बाद दोनों ने मिलकर मृतका गीता के शव को घटनास्थल के पास ही बांज के पेड़ों के पास छुपा दिया। पुलिस ने साक्ष्य एकत्रित कर सह अभियुक्त त्रिलोक को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही मामले में सम्मिलित मृतका के भाई विधि विरुद्ध बालक को जे.जे. एक्ट के प्राविधानों के तहत उसके पिता/संरक्षक शेर सिंह को नियमानुसार रखा गया। जिसे सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया जा रहा है।