देहरादून : बहुचर्चित रजिस्ट्री घोटाला प्रकरण में देहरादून पुलिस ने शातिर नटवरलाल को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी मुजफ्फरनगर का गैंगस्टर है। इससे पूर्व इस मामले में दस लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सहायक महानिरीक्षक निबंधन देहरादून संदीप श्रीवास्तव व जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति की जांच रिपोर्ट के बाद रजिस्ट्री घोटाले का खुलासा हुआ। धोखाधड़ी की नियत से आपराधिक षड्यंत्र कर उप निबंधक कार्यालय प्रथम/द्वितीय जनपद देहरादून में भिन्न-भिन्न भूमि विक्रय विलेख से सम्बन्धित दस्तावेजों में बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ किए जाने की बात सामने आई।
जांच रिपोर्ट के आधार पर देहरादून नगर कोतवाली में संगठित रूप से धोखाधड़ी,जालसाजी करने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। मामले की गंभीरता के मद्देनजर जांच पुलिस अधीक्षक यातायात के नेतृत्व में गठित एस.आई.टी. को सौंपी गई।
एसआईटी ने रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी करते हुए रिंग रोड से सम्बन्धित 30 से अधिक रजिस्ट्रियों का अध्ययन कर कई लोगों से पूछताछ की। पूछताछ में कई प्रॉपर्टी डीलर के नाम प्रकाश में आए। कई संदिग्धों के विभिन्न बैंक अकाउण्ट का भी अवलोकन किया गया जिसमें करोड़ों रुपयों का लेन-देन होना पाया गया।
इस बीच जांच के दौरान मामले में दस लोगों को गिरफ्तार किया गया। ये सभी वर्तमान में जिला जेल में बंद है। पकड़े गए लोगों से पूछताछ, दस्तावेजों के अवलोकन के बाद जांच टीम को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं।
पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर प्रकाश में आया कि राजपुर रोड जाखन में स्थित भू-स्वामी श्रीमती स्वरूप रानी की भूमि के भी विलेख कूटरचित दस्तावेज तैयार कर भूमि मुजफ्फरनगर निवासी मांगे राम के नाम की गई है। उन्हें भी रजिस्ट्रार रिकॉर्ड रूम में चढ़ाया गया।
यही नहीं मांगे राम की मृत्यु के बाद वसीयत तैयार कर भूमि उसके पुत्र विशाल कुमार के नाम भी दर्शा दी गई। बाद में विशाल कुमार की तरफ से इस भूमि को रेखा शर्मा पत्नी संजय शर्मा को विक्रय करना दिखाया गया। फिर रेखा शर्मा की तरफ से यह भूमि देहरादून निवासी कमल जिंदल को बेचना दर्शाया गया।
उधर, इस फर्जीवाड़े की सूचना भूमि की असली मालिक स्वरूप रानी की पुत्रियों मीनाक्षी सूद और किरन दवे को मिली तो उन्होंने भी विशाल कुमार और संजय शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
इधर, एसआईटी की टीम ने आज विशाल को गिरफ्तार कर लिया। विशाल मूलरूप से उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कांधला कस्बे का रहने वाला है, वर्तमान में मुजफ्फरनगर के शांतिनगर मोहल्ले में रहता है। पूछताछ में विशाल ने बताया वह प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है तथा उसके विरुद्ध मुजफ्फरनगर में कई मुकदमे हैं। उसका आपराधिक इतिहास भी है। मुजफ्फरनगर में उसकी हिस्ट्रीशीट खुली है।
प्रॉपर्टी डीलिंग के सिलसिले में विशाल देहरादून आया करता था। इस दौरान उसने अन्य साथियों के साथ मिलकर जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी रजिस्ट्री कराकर लोगों से मोटी धनराशि ऐंठने लगा। विशाल बेहद शातिर है। रजिस्ट्री की मूल प्रति मांगे जाने पर विशाल ने बताया कि वह खो गई है, जिसकी गुमशुदगी मुजफ्फरनगर थाने में दर्ज कराई थी। यही नही इसकी सूचना अखबार में भी दर्ज कराई थी। पुलिस के मुताबिक विशाल से कई और लोगों के बारे में पता लगा है। जल्द ही उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्तगण
1- सन्तोष अग्रवाल, 2- दीप चन्द अग्रवाल, 3 मक्खन सिंह 4- डालचन्द, 5-वकील इमरान अहमद, 6-अजय सिंह क्षेत्री, 7-रोहताश सिंह, 8 विकास पाण्डे, 9-कुंवर पाल उर्फ के.पी., 10- वकील कमल विरमानी।
चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर
भूमि स्वामी की पुत्रियों की तरफ से दर्ज मामले की जांच जाखन पुलिस चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक सुमेर सिंह द्वारा की जा रही थी। उच्च अधिकारियों द्वारा समय-समय पर विवेचक को विवेचना में ठोस कार्रवाई किए के निर्देश दिए गए। परंतु, विवेचक द्वारा लापरवाही बरती जा रही थी। इस पर एसएसपी अजय सिंह ने उप निरीक्षक सुमेर कुमार को लाइन हाजिर कर दिया।